Ki Suktiyan: Premachand Ke Vachanon Ka Bhandaar, Jo Amar Ho Gaye Aur Jan-Jan Ke Preranaa-Strot Bane.
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Ki Suktiyan: Premachand Ke Vachanon Ka Bhandaar, Jo Amar Ho Gaye Aur Jan-Jan Ke Preranaa-Strot Bane. (2012)
EN PB NW
ISBN: 9788121617352 bzw. 8121617359, in Englisch, 182 Seiten, Hind Pocket Books, Taschenbuch, neu.
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Von Händler/Antiquariat, GAURAV BOOKS CENTER.
प्रेमचंद के वचनों का भंडार, जो अमर हो गए और जन-जन के प्रेरणा-स्त्रोत बने। आत्म-सम्मान की रक्षा करना हमारा सबसे पहला धर्म है। प्रेमचंद यह सूक्ति-कोश वाद-विवाद, भाषण, शिक्षा, साक्षात्कार, सेमिनार या लेखन में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए बेहद उपयोगी है। इस संग्रह में प्रत्येक विषय के लिए सूक्तियां मिल जाएंगी। इन्हें वर्णक्रम के अनुसार तरतीब दिया गया है। एक बार इनको अपने मस्तिष्क में उतार लें, फिर देखिए, कितनी आसानी से अपने आपको विद्वानों के बीच खड़ा पाएंगे। प्रेमचंद विश्व के महान कथा-शिल्पी थे। उन्हें कथा-सम्राट कह कर भी संबोधित किया जाता है। उन्होंने कहानी, उपन्यास और नाटकों के अतिरिक्त ढेरों निबंध लिखे। सचमुच एक विद्वान की वाणी से निकले बोल तथा लिखे गए वाक्य अमर बन जाते हैं। ऐसी ही सूक्तियां संग्रह में मौजूद हैं।, Paperback, संस्करण: First, लेबल: Hind Pocket Books, Hind Pocket Books, उत्पाद समूह: Book, प्रकाशित: 2012-08, स्टूडियो: Hind Pocket Books, बिक्री रैंक: 407561.
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प्रेमचंद के वचनों का भंडार, जो अमर हो गए और जन-जन के प्रेरणा-स्त्रोत बने। आत्म-सम्मान की रक्षा करना हमारा सबसे पहला धर्म है। प्रेमचंद यह सूक्ति-कोश वाद-विवाद, भाषण, शिक्षा, साक्षात्कार, सेमिनार या लेखन में भाग लेने वाले सभी लोगों के लिए बेहद उपयोगी है। इस संग्रह में प्रत्येक विषय के लिए सूक्तियां मिल जाएंगी। इन्हें वर्णक्रम के अनुसार तरतीब दिया गया है। एक बार इनको अपने मस्तिष्क में उतार लें, फिर देखिए, कितनी आसानी से अपने आपको विद्वानों के बीच खड़ा पाएंगे। प्रेमचंद विश्व के महान कथा-शिल्पी थे। उन्हें कथा-सम्राट कह कर भी संबोधित किया जाता है। उन्होंने कहानी, उपन्यास और नाटकों के अतिरिक्त ढेरों निबंध लिखे। सचमुच एक विद्वान की वाणी से निकले बोल तथा लिखे गए वाक्य अमर बन जाते हैं। ऐसी ही सूक्तियां संग्रह में मौजूद हैं।, Paperback, संस्करण: First, लेबल: Hind Pocket Books, Hind Pocket Books, उत्पाद समूह: Book, प्रकाशित: 2012-08, स्टूडियो: Hind Pocket Books, बिक्री रैंक: 407561.
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