Aatmswikriti (HC) (In Hindi) - 5 Angebote vergleichen
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Aatam Swakriti (2014)
EN HC NW
ISBN: 9788121619837 bzw. 8121619831, in Englisch, 296 Seiten, Saraswati Vihar, gebundenes Buch, neu.
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सोचा तो यही था कि आत्मकथा लिखने में क्या है। जो घटित हुआ, वही तो लिखना है; किंतु लिखते हुए ज्ञात हुआ कि आत्मकथा में समस्या लेखन की नहीं, चयन की है। क्या लिखना है और क्या नहीं लिखना है। अपना सत्य लिखना हे, किंतु दूसरों के कपट का उद्घाटन नहीं करना है; क्योंकि उसमें स्वयं को महान् बनाने की चेष्टा देखी जा सकती हैै वे घटनाएँ जो अपने लोगों को आहत करती हैं और वे घटनाएँ, जो लेखक की आत्मभत्र्सना के रूप में उसे गौरवान्वित करती हैं। लेखक उन गुणों से भी स्वयं को अलंकृत कर सकता है, जो उसमें हैं ही नहीं और वह अपने दोषों को इस प्रकार भी प्रस्तुत कर सकता है कि वे गुण लगें। नंगा सत्य बोलना बहुत कठिन होता है; उसकी लपेट में लेखक स्वयं तो आता ही है, वे लोग भी आ जाते हैं, जिनके विषय में सत्य बोलने का अधिकार लेखक को नहीं है। इसलिए मैंने सपाट सत्य भी लिखा है और जहाँ आवश्यकता पड़ी है, वहाँ सर्जनात्मकता का झीना पर्दा भी डाल दिया है। प्रयत्न यही है कि मेरा सत्य तो पाठकों के सामने आए, किंतु उसकी लपेट में अन्य लोग न आएँ। यदि मेरे किसी शोधार्थी ने मेरी रचनाओं में से मेरे जीवन को खोज निकाला होता तो शायद मुझे ‘आत्मस्वीकृति’ लिखने की आवश्यकता न पड़ती। समकालीन साहित्य के प्रख्यात लेखक नरेन्द्र कोहली का जन्म 1940 में स्यालकोट में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. और पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं। दिल्ली के पी.जी.डी.ए.वी. (सांध्य) काॅलेज से नौकरी शुरू करके 1965 में मोतीलाल नेहरू काॅलेज में पहुंच गए; और 1995 में यहीं से स्वैच्छिक अवकाश ग्रहण कर अपने आपको हमेशा के लिए लेखन को समर्पित कर दिया। लगभग 100 पुस्तकों के लेखक नरेन्द्र कोहली ने राम-कथा, कृष्ण-कथा, पांडव कथा और स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास श्रृंखलाओं की रचना की और देखते-ही-देखते साहित्य के आकाश पर छा गए। उन्होंने पाठकों के बीच अपार लोकप्रियता अर्जित की। कहानी, उपन्यास, नाटक, व्यंग्य जैसी विधाओं में सतत लेखन करते रहे। ‘वसुदेव’ और ‘पूत अनोखो जायो’ उपन्यासों ने विशिष्ट स्थान बनाए। उन्हें अब तक अनेक पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं। इधर उनके ‘भूतो न भविष्यति’ उपन्यास के लिए प्रतिष्ठित व्यास सम्मान से अलंकृत किया गया है।, Hardcover, संस्करण: First, लेबल: Saraswati Vihar, Saraswati Vihar, उत्पाद समूह: Book, प्रकाशित: 2014-05, स्टूडियो: Saraswati Vihar, बिक्री रैंक: 374971.
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सोचा तो यही था कि आत्मकथा लिखने में क्या है। जो घटित हुआ, वही तो लिखना है; किंतु लिखते हुए ज्ञात हुआ कि आत्मकथा में समस्या लेखन की नहीं, चयन की है। क्या लिखना है और क्या नहीं लिखना है। अपना सत्य लिखना हे, किंतु दूसरों के कपट का उद्घाटन नहीं करना है; क्योंकि उसमें स्वयं को महान् बनाने की चेष्टा देखी जा सकती हैै वे घटनाएँ जो अपने लोगों को आहत करती हैं और वे घटनाएँ, जो लेखक की आत्मभत्र्सना के रूप में उसे गौरवान्वित करती हैं। लेखक उन गुणों से भी स्वयं को अलंकृत कर सकता है, जो उसमें हैं ही नहीं और वह अपने दोषों को इस प्रकार भी प्रस्तुत कर सकता है कि वे गुण लगें। नंगा सत्य बोलना बहुत कठिन होता है; उसकी लपेट में लेखक स्वयं तो आता ही है, वे लोग भी आ जाते हैं, जिनके विषय में सत्य बोलने का अधिकार लेखक को नहीं है। इसलिए मैंने सपाट सत्य भी लिखा है और जहाँ आवश्यकता पड़ी है, वहाँ सर्जनात्मकता का झीना पर्दा भी डाल दिया है। प्रयत्न यही है कि मेरा सत्य तो पाठकों के सामने आए, किंतु उसकी लपेट में अन्य लोग न आएँ। यदि मेरे किसी शोधार्थी ने मेरी रचनाओं में से मेरे जीवन को खोज निकाला होता तो शायद मुझे ‘आत्मस्वीकृति’ लिखने की आवश्यकता न पड़ती। समकालीन साहित्य के प्रख्यात लेखक नरेन्द्र कोहली का जन्म 1940 में स्यालकोट में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. और पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं। दिल्ली के पी.जी.डी.ए.वी. (सांध्य) काॅलेज से नौकरी शुरू करके 1965 में मोतीलाल नेहरू काॅलेज में पहुंच गए; और 1995 में यहीं से स्वैच्छिक अवकाश ग्रहण कर अपने आपको हमेशा के लिए लेखन को समर्पित कर दिया। लगभग 100 पुस्तकों के लेखक नरेन्द्र कोहली ने राम-कथा, कृष्ण-कथा, पांडव कथा और स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित उपन्यास श्रृंखलाओं की रचना की और देखते-ही-देखते साहित्य के आकाश पर छा गए। उन्होंने पाठकों के बीच अपार लोकप्रियता अर्जित की। कहानी, उपन्यास, नाटक, व्यंग्य जैसी विधाओं में सतत लेखन करते रहे। ‘वसुदेव’ और ‘पूत अनोखो जायो’ उपन्यासों ने विशिष्ट स्थान बनाए। उन्हें अब तक अनेक पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं। इधर उनके ‘भूतो न भविष्यति’ उपन्यास के लिए प्रतिष्ठित व्यास सम्मान से अलंकृत किया गया है।, Hardcover, संस्करण: First, लेबल: Saraswati Vihar, Saraswati Vihar, उत्पाद समूह: Book, प्रकाशित: 2014-05, स्टूडियो: Saraswati Vihar, बिक्री रैंक: 374971.
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